ज़िंदगी शायरी

ज़िंदगी शायरी 
मैं तुम्हे जान लू तुम हमे जान लो  सजदों मैं गुजार दूँ मैं सारी ज़िंदगी बस एक बार वो कह दे हमे दुवाओ  से मांग लो !

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ऐ ज़िंदगी ऐसी कोई दुवा दे दे  मुझे जीने की कोई वजह दे दे  कुछ पल साँस लेलु जीने के लिए  कुछ पल के लिए ही पन्हा दे दे !

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ज़िंदगी लिख रही है तकदीर अपनी हर मोड़ पर हमे आजमाने को कभी ठोकरों से हराने को तो कभी इतहास नया रच जाने को ! 

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यू तो हम से नाराज़ है मेरी ज़िन्दगी, बस प्यार की मोहताज़ है मेरी ज़िन्दगी, हँस लेता हूँ लोगों को दिखाने के लिए, वैसे तो दर्द की किताब है मेरी ज़िन्दगी।


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हर इंसान के अपने अफ़साने होते है  कोई टूट जाते है वक़्त के साथ कई  दीवाने होते है  न दौलत न सोहरत बस प्रेम ही असली  ज़िंदगी के खजाने होते है ! 

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तुझे  जीने के लिए ऐ ज़िंदगी  मैं दर -दर की ठोकरे खाता हूँ  जहा से मैं सुरु करता हूँ वही फिर पहुंच जाता हूँ !

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मेरी उम्र के साथ मेरी कहानी बिखर गई न मिली ख़ुशी कभी ज़िंदगी दुखो मैं गुजर गई !

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ज़िंदगी से कुछ जादि आस लगा बैठे थे 
दिल मैं लाखो गम बसा बैठे थे 
वो आएँगे हमारे घर भी किसी ज़माने मैं  
 नज़रे उनकी राहो मैं बिछा बैठे थे !

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ज़िंदगी जुल्फ नहीं जो स्वर जाएगी मोहब्बत के बगैर ये बिखर जाएगी करते है प्यार तुमसे थाम लो हाथ मेरा नहीं तो हमे सोचते सोचते ज़िंदगी निकल जाएगी !

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ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता  बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता  जब तक पड़े हथोड़े की चोट पत्थर भी  भगवान नहीं होता !

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ज़िंदगी के  हर लम्हो मैं एक बहार है  हर दिल मैं बेसुमार प्यार है  सुख दुःख आते रहते है जीवन मैं इसी से  ही ऐ संसार है !

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कुछ तो बता ऐ राज ऐ ज़िंदगी थक गया हूँ खुद का ठिकाना ढूंढ़ते -ढूंढ़ते !

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ज़िंदगी उसी को आजमाती है  जो हर प्रस्तिति से उभरना जनता है  कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है  पर ज़िंदगी उसी की है जो खो कर भी  मुस्कुराना जानता है !

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ज़िंदगी एक खूबसूरत एहसास है 
हर आँखों मैं एक आस है 
टूटे हुवे दिल मैं भी फरियाद है
  यही ज़िंदगी जीने का अंदाज़ है !

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ज़िंदगी की इस कठीन राह मैं  गिर गिर के सम्भल जाते है  वक़्त की आंधी मैं इंसान बदल जाते है  सोचते है तुम्हे याद न करे लेकिन आंख  बंद करते ही इरादे बदल जाते है !

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ऐ ज़िंदगी मेरी किस्मत मैं भी एक यार  लिख दे जो चाहे तुमसे भी ज्यादा ऐसी  कोई फरियाद लिख दे !

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एक जवा दिल है और बिखरी हुई जवानी है हमारी ज़िंदगी की बस
 इतनी सी कहानी है कुछ हम खुद बर्बाद हुवे कुछ उनकी मेहरबानी है !

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देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने करीब से हर इंसा को लड़ते  देखा अपने नसीब से !

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ज़िंदगी अब रूठने को है सरे सपने टूटने को है  कुछ रिश्ते बनाए थे इस जहा मैं अब वो रिश्ते  भी छूटने को है !

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ज़िंदगी हर मोड़ पर हमे आजमा रही है 
ठोकरों के जरिये हमे कुछ समझा रही है ! 

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ऐ ज़िंदगी तेरे हर लम्हो मैं  मेने एक दर्द पाया है इसी दर्द ने मुझे ज़िंदगी जीने  का मतलब समझाया है !

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हर लम्हे मैं तेरी याद है हर लम्हे मैं एक फरियाद है तुझ बिन ऐ ज़िंदगी -ज़िंदगी नहीं है ज़िंदगी सिर्फ तेरे साथ है !

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दरिया के उस पार जाऊ जी करता है  कही डूब न जाऊ दिल बहुत डरता है मोत से बतर है ज़िंदगी फिर भी जीने को क्यो जी करता है !

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ज़िंदगी मैं टेंसन ही टेंसन है  फिर भी इन लबो पर मुस्कान है कियोकि जीना जब हर हाल मैं है तो मुस्कुरा कर जीने मैं क्या नुक्सान है !

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दर्द ही दर्द भरा इस दिल मैं न तेरी सजिशे खत्म हुई अजीब सी ज़िंदगी है मेरी न गुजर सकी न ही खत्म हुई !

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तुझे जीने के लिए ऐ ज़िंदगी मैं दर -दर की ठोकरे खता हूँ  जहा से मैं सुरु करता हूँ वही  फिर पहुंच जाता हूँ !

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ज़िंदगी मैं मिले है जो गम वक़्त के साथ भर जाएंगे    देख लेना ऐ गम के बदल एक दिन ढल जाएंगे !

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 ज़िंदगी के दो पहलु कभी हसाती है कभी रुलाती है जो मुसीबतो के आगे माथा न टेके ज़िंदगी उसी के आगे सिर झुकाती है !

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ऐ दर्द ही हमे जिन्दा रहने का एहसास कराता है ऐ दर्द ही हमे नेक दिल बनाता है ज़िंदगी तो मिट जाने का नाम है यही एहसास हमे जीना सिखाता है !

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बहुत दर्द से भर्ती जा रही है  ऐ ज़िंदगी कैसे बसर हम करे  पेरो को काट फेके या चादर बड़ी ज़िंदगी  हम करे !

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एक सबक हर किसी को सिखाती है ज़िंदगी हर लम्हा हर किसी को आजमाती है ज़िंदगी किसी को आमिर और किसी को आमिर से गरीब बनाती है ज़िंदगी वक़्त के साथ चलना सिखाती है ज़िंदगी !

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ऐ ज़िंदगी हम पर इतना सितम न ढा कभी हमसे भी नरमी से पेस आ  मुदतो से गम के साये मैं जी रहे है हम  कभी हमारी दुनिया मैं भी खुशीयो की  बहार बन कर आ !

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देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने करीब से 
हर इंसान को लड़ते देखा है अपने नसीब से ¡

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ज़िंदगी ने मेरे दर्द का क्या
 खूब इलाज बताया 
वक़्त को मरहम कहा और 
ख्वाहिसों से परहेज सुनाया !

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