बेवफा शायरी


बेवफाओ के शहर मैं वफ़ा कर बैठे हम  अपनी सारी खुशिया तभा कर बैठे हम  चाहा था जिसे दिलो जान से उसे  बेवफा से वफ़ा की आस कर बैठे हम !

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