ONE SIDE LOVE SHAYARI


एक तरफ़ा है इश्क़ मेरा उसे अपना कैसे बनाऊ मैं करू न याद मगर किस तरह उसे भुलाऊँ मैं ग़ज़ल का बहाना करूं, और उसे गुनगुनाऊँ मैं !

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